बवासीर का घरेलु उपचार हिंदी में

एलोवेरा का गुदा ( Aloe-Vera pulp ) एलोवेरा बवासीर की सूजन से राहत देने के लिए एक बहुत ही प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। एलोवेरा में ऐंटीइंफ्लामेटोरी (anti-inflammatory ) और एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुण पाए जाते है ये रोगी को खुजली, सूजन से राहत दिलाता है। एलोवेरा की कुछ पत्तिया ले और उसका जेल निकल के एक साफ़ कटोरी में इकट्ठा करे। इस गूदे को अच्छी तरह से मैश करे फिर इस जेल को दिन में 2 -3 बार अपने गूदा क्षेत्र पर लगाए, ज्यादातर मल त्यागने के बाद ही ये जेल अपने गूदा क्षेत्र पर लगाए।

नारियल का तेल (Coconut Oil ) नारियल तेल की प्रकृति में anti-inflammatory ( सूजन रोधी ) गुण होते है। आप इस तेल को अपने हाथो से अपने गूदाक्षेत्र पर लगा सकते है, इससे त्वचा मुलायम होती है। ये मलत्याग करते समय गूदाक्षेत्र पर घर्षण से राहत दिलाती है। इसे दिन में 3 -4 बार लगाए जब तक आपकी बवासीर पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती।

      सिट्ज़ बाथ ले : ( Take Sitz Baath ) ये बवासीर में होनेवाली जलन, दर्द से राहत दिलाता है, सिट्ज़ बाथ योनि और मलाशय के बिच के क्षेत्र को कीटाणु रहित करता है। आप घर पर आसानी से सिट्ज़ बात ले सकते है। सबसे पहले टब को अच्छी तरह साफ़ कर ले और उसमे गर्म पानी भर ले, ध्यान रहे पानी 3 इंच से ज्यादा न हो, फिर आप टब में जाए और अपन गूदा क्षेत्र को उसमे भिगोये। आप अपने घुटनो को मोड़ सकते है या उन्हें टब के बाहर भी रख सकते है। इस टब में 15 मिनट रहे। जब आप टब में से बाहर निकले तब अपने गूदा क्षेत्र को सॉफ्ट मुलायम तौलिये से धीरे धीरे पोंछ ले।

त्रिफला चूर्ण  ( Triphala  Churn ) त्रिफला चूर्ण बवासीर में सबसे अधिक प्रभावशाली चूर्ण है। कब्ज होना बवासीर का मुख्य कारन है, अगर आप कब्ज होनेसे रोक सकते है तो आप बवासीर को पूरी तरह से ठीक कर सकते है। इसलिए रोजाना रात को सोते समय एक कप गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण ले और उसका सेवन करे। इससे आपकी आंते हर दिन साफ़ होगी।

बवासीर में कैसा  डाइट ले ?

  फायबर युक्त आहा   बवासीर के लिए फाइबर युक्त आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें संपूर्ण अनाज, दालें, फल, सब्जियां, गाजर, गोभी, टमाटर,प्याज, लहसुन, अदरक, आदि शामिल हो सकते हैं। फाइबर मलत्याग को नर्म और आसान बनाता है।

पाणी   पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बवासीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सुर्खायमानता को बढ़ाने में मदद करता है और संपूर्ण शरीर के लिए स्वास्थ्यप्रद होता है।

फलों का नियमित सेवन बवासीर में ताजे फलों का नियमित सेवन उपयोगी होता है। संतरा,पपीता, सेब, अंगूर आदि फलों में फाइबर और पानी की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन और मलत्याग को सुधारती है।

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