भुजंगासन Bhujangasana
भुजंगासन के प्रयोग से कब्ज दूर होता है, पाचनप्रणाली की कोमल पेशिया मजबूत बनती है और नियमित प्रयोग से पाचनतंत्र मजबूत होता है.
धनुरासन Dhanurasana
धनुरासन से पेट की चर्बी कम होती है, सभी आतंरिक अंगो, मासपेशियो और जोड़ों का व्यायाम होता है, गले के तमाम रोग नष्ट होते है, पाचनशक्ति बढ़ती है.
मत्स्यासन Matsyasana
इससे आँखों की रौशनी बढ़ती है, गला साफ़ रहता है तथा छाती और पेट के रोग दूर होते है. रक्ताभिसरण की गति बढ़ती है, पेट की चर्बी घटती है.
पवनमुक्तासन Pavanmuktasana
पवनमुक्तासन कब्ज और अपच से छुटकारा दिलाता है. ये आसन बांझपंन, नपुंसकता और मासिक धर्म जैसी समस्याओं के उपचार में उपयोगी है.
वज्रासन Vajrasana
यह आसन पाचनतंत्र को स्वस्थ रखता है और अपच एव गैस की सम्भावना को कम करता है, भोजन के बाद इस आसन में बैठने से भोजन आसानी से पच जाता है साथ में हमारा पेट तनाव मुक्त भी रहता है.
पश्चिमोत्तसन Paschimottanasana
इस आसान से उदर, छाती, मेरुदंड को कसरत मिलती है.इसके अलावा ये आसन करनेसे मलावरोध, उदर रोग, कृमि विकार, सर्दी, खांसी, कमर दर्द, मधुमेह आदि रोग दूर होते है.जिन लोगों को मोटापे की शिकायत होती है है वो लोग भी ये आसन कर सकते है इसे करनेसे चर्बी नष्ट होती है, पेट पतला होता है और पाचनतंत्र भी सुधरता है.