Steps And Benefits Of Surya Namaskar | सूर्यनमस्कार करने की विधि और फायदे

सभी योगासनों में सूर्यनमस्कार ( Surya Namaskar ) एक सर्वश्रेष्ठ योगासन माना जाता है। क्यों की इसके कई सारे लाभ है। इसलिए आज हम इस ब्लॉग में सूर्यनमस्कार करने की विधि और उसके फायदे जानेंगे। सूर्यनमस्कार एक बहुत ही प्राचीन योग अभ्यास है जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। इसका नाम सूरज (Surya) और नमस्कार (Namaskar) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है “सूरज को प्रणाम करना”। सूर्य नमस्कार का उद्देश्य सूर्य की पूजा करने के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना भी है।
सूर्य नमस्कार के एक सेट में कई सारे आसन होते हैं, जो आपको एक प्राणायामी रूप में काम करने का अवसर प्रदान करते हैं। यह एक पूरी शारीरिक व्यायाम का सामग्री होता है, जिसमें समय के साथ साथ आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है।

सूर्यनमस्कार करने की विधि | Steps And Benefits Of Surya Namaskar

1.प्रणामासन (Pranamasana)

सूर्यनमस्कार करने की शुरुवात प्रणामासन से होती है। इसे करने के लिए सबसे पहले आप खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथ जोड़ कर अपनी छाती के सामने लाये, अपने दोनों हाथों के अगले भागों को एक दूसरे से चिपकाये। उसके बाद अपनी आंखें बंद करें।

Steps And Benefits Of Surya Namaskar | सूर्यनमस्कार करने की विधि और फायदे
Steps And Benefits Of Surya Namaskar | सूर्यनमस्कार करने की विधि और फायदे

2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)

2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)
2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)

गहरी सांस लेकर अपने दोनों हाथ ऊपर उठाएं, अब हाथों को कमर को पीछे की ओर धकेलकर झुकाते हुए अपने गर्दन को भी पीछे की और झुकाये।

3. पादहस्तासन (Padahastasana)

3. पादहस्तासन (Padahastasana)
3. पादहस्तासन (Padahastasana

अब अपने दोनों हाथों को जमीन तक ले जाएं और अपने पैरों को छूने की कोशिश करें। कोशिश करें कि आपके पैरों की पूरी तलवे (हील) ज़मीन पर छूती हों।
आपकी पीठ सीधी और होनी चाहिए और हमेशा कोशिश करें कि आपकी घुटनें न झुकें।

4.अश्व संचलनासन (Ashwa Sanchalanasana)

4.अश्व संचलनासन (Ashwa Sanchalanasana)
4.अश्व संचलनासन (Ashwa Sanchalanasana)

इस मुद्रा में अपने हथेलियों को जमीं पर रखे। सांस लेते हुए अपने दाए पैर को पीछे की और लेकर जाए। अब अपनी गर्दन को ऊपर उठाये। अब इसी स्तिथि में कुछ समय तक रुके।

5.दण्डासन (Dandasana)

5.दण्डासन (Dandasana)
5.दण्डासन (Dandasana)

अब सांस को धीरे धीरे बाहर छोड़ते हुए अपने दाए पैर को भी पीछे की और ले जाए। ध्यान रहे की दोनों पैरों की एड़िया आपस में मिली हो। अब पीछे की और अपने शरीर को खिचाव दे और अपनी एड़ियों को जमीं पर मिलाने की कोशिश करे. अपने दोनों नितम्बो को अधिक से अधिक ऊपर उठाये और अपनी गर्दन को निचे झुकाये।

6.अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskar)

6.अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskar)
6.अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskar)

इस मुद्रा में धीरे धीरे सांस ले और अपने शरीर को जमीन के समान्तर रखे। अब अपने घुटने, छाती और ठोड़ी जमीन पर लगा दे। उसके बाद अपने छाती को थोडासा ऊपर उठाये, अब धीरे धीरे सांस छोड़े।

7.भुजंगासन (Bhujangasana)

7.भुजंगासन (Bhujangasana)
7.भुजंगासन (Bhujangasana)

इस आसन में धीरे धीरे सांस को लेते हुए अपने शरीर के ऊपरी भाग को ऊपर उठाये। अपने हाथों को सीधा रखे। याद रहे की अपने पैरों को जमीं पर रखे।
अब अपनी गर्दन को धीरे धीरे पीछे की और ले जाए।

8.पर्वतासन (Parvatasana)

8.पर्वतासन (Parvatasana)
8.पर्वतासन (Parvatasana)

अपने सांस को धीरे धीरे छोड़ते हुए बाए पैर को पीछे की और ले जाये ,ध्यान रहे की पैरों की एड़िया आपस में मिली हुई हो। अब अपनी गर्दन को निचे झुकाये।

9.अश्व संचलनासन (Ashwa Sanchalanasana)

9.अश्व संचलनासन (Ashwa Sanchalanasana)
9.अश्व संचलनासन (Ashwa Sanchalanasana)

इस मुद्रा में अपने हथेलियों को जमीन पर रखे। दाएं पैर को आगे की ओर ले जाएं, अब अपने गर्दन को ऊपर की और उठाये। अब इसी स्तिथि में कुछ समय तक रुके।

10.पादहस्तासन (Padahastasana)

10.पादहस्तासन (Padahastasana )
पादहस्तासन (Padahastasana)

ये स्तिथि तीसरी स्तिथि के सामान ही है। अब अपने दोनों हाथों को जमीन तक ले जाएं और अपने पैरों को छूने की कोशिश करें। कोशिश करें कि आपके पैरों की पूरी तलवे (हील) ज़मीन पर छूती हैं।आपकी पीठ सीधी और होनी चाहिए और हमेशा कोशिश करें कि आपकी घुटनें न झुकें।

11.हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana )

हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana )
हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana )

दूसरी स्तिथि के समान ही, गहरी सांस लेकर अपने दोनों हाथ ऊपर उठाएं, अब हाथों को कमर को पीछे की ओर धकेलकर झुकाते हुए अपने गर्दन को भी पीछे की और झुकाये।

12.प्रणामासन (Pranamasana)

12.प्रणामासन (Pranamasana)
12.प्रणामासन (Pranamasana)

अब सीधे खड़े हो जाये। उसके बाद अपना चेहरा सूरज की और करे और अपने दोनों पैरों को मिलाये। अपने दोनों हथेलियों को जोड़ कर अपनी छाती के सामने लाये, अपने दोनों हाथों के अगले भागों को एक दूसरे से चिपकाये और प्रणाम की अवस्था में बने रहे।

सूर्यनमस्कार के फायदे (Benefits of Surya Namaskar):

  • सूर्य नमस्कार आपके तनाव को कम करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
  • सूर्य नमस्कार के दौरान सिर पर संतुलन और प्रेशर डालने के लिए कई आसन होते हैं, जिससे आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  • सूर्य नमस्कार ध्यान और प्रकाश की प्रतिक्रिया के माध्यम से आपके मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है।
  • नियमित सूर्यनमस्कार करने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • सूर्य नमस्कार करनेसे शारीरिक लचीलापन बढ़ाता है और वयस्थापन को कम करने में मदद कर सकता है। यह आपकी त्वचा को युवा और स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
  • सूर्य नमस्कार का नियमित प्रैक्टिस गठिया और जोड़ों की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
  • सूर्य नमस्कार आपके पाचन सिस्टम को सुधारने में मदद कर सकता है, जिससे आपका आहार सही तरीके से पचा जा सकता है।
  • सूर्य नमस्कार का नियमित प्रैक्टिस वजन प्रबंधन के लिए मददगार हो सकता है क्योंकि यह कैलोरी जलाने में मदद करता है और मोटापा को कम करने में सहायक हो सकता है।
  • सूर्य नमस्कार आपके शारीरिक संतुलन और कोआर्डिनेशन को सुधारने में मदद कर सकता है।
  • सूर्य नमस्कार हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

सावधानियाँ

  • यदि आप नए हैं और सूर्य नमस्कार को पहली बार कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे और सावधानी से शुरू करें। आप एक योग गुरु की मार्गदर्शन में इसे सीख सकते हैं।
  • यदि आपके शरीर में किसी प्रकार की दर्द, चिंता, या अनवांछित रूप से अनुभव किया जाता है, तो तुरंत योगासन को छोड़ दें।
  • सूर्य नमस्कार को एक योग मैट या कुछ ठंडे स्थान पर करें, ताकि आपके पैर ठंडे रहें और आपको आराम से काम करने का मौका मिले।
  • सूर्य नमस्कार को करने के पहले भारी भोजन न करें। इसे खाने के बाद कम से कम दो घंटे का इंतजार करें।
  • सूर्य नमस्कार के दौरान सही पोस्चर का ध्यान रखें। आपके हाथ, पैर, और सर्वांगासनों की पोस्चर का महत्वपूर्ण होता है।
  • योग करते समय सुविधाजनक और आरामदायक कपड़े पहनें, ताकि आपका शरीर आसानी से फ्लेक्स कर सके और आपको कोई बाधा न हो।
  • सूर्य नमस्कार के दौरान नियमित और सावधानी से सांस लें। सही श्वास का पालन करना महत्वपूर्ण है।
  • सूर्य नमस्कार को सूर्योदय के समय करना अधिक फायदेमंद होता है, लेकिन आप इसे सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते हैं।
  • सूर्य नमस्कार को अधिक गर्मी में न करें, क्योंकि यह आपके शरीर को अत्यधिक तापमान का सामना करने के लिए कर सकता है।

 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर ले और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय ले।

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