मासिक धर्म, जिसे आमतौर पर हम “पीरियड्स”( Periods ) कहते है, एक महिला के जीवन में हर महीने होने वाली एक नॉर्मल प्रक्रिया है जिसमें गर्भनाशक तंतु शरीर से बाहर निकलता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें एक महिला का शरीर गर्भधारण के लिए तैयारी करता है,और अगर गर्भावस्था नहीं होती है, तो शरीर इस अवधि को नष्ट करता है। मासिक धर्म का प्रारंभ आमतौर पर किशोरावस्था में होता है और इसके बाद प्रति महीने एक बार होता है। इस प्रक्रिया के दौरान, गर्भनाशक तंतु रक्तमांश के साथ बाहर निकलता है, जिसे हम “मासिक” कहते हैं। यह प्रक्रिया सामान्यत: 3 से 7 दिनों तक चलती है, लेकिन यह इंटरवैल के साथ विभिन्न महिलाओं के लिए अलग-अलग हो सकती है। हर महीने हर औरत के 4-6 दर्दनाक और मुश्किल भरे दिन आते है जिसे हम Periods तथा मासिक धर्म कहते है | यह दिन औरतो के लिए काफी painful, मानसिक तनाव और अच्छे भले मूड को खराब करने वाले होते है| बेशक हर महिला इन दिनों अपनी सेहत का ख्याल रखती है लेकिन इसके बावजूद भी महिलाओं की कुछ ऐसी भी आदते है जिनसे बचना आवश्यक है। काफी सारी महिला खुद को खराब आदतों में फंसे होते हैं जो अक्सर उनके पीरियड्स को और भी मुश्किल बना सकती हैं।
इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कैसे कुछ आम आदतें और व्यवहार अस्वस्थ पीरियड्स को प्रभावित कर सकते हैं और इनसे बचने के लिए कैसे खुद को सुधारा जा सकता है. साथ ही, हम जानेंगे कैसे स्वस्थ आदतें अपनाकर हम अपने पीरियड्स को स्वस्थ रख सकते हैं।
आइये जानते है ऐसी कुछ गलत आदतों को बारे में, जो periods के चलते जिनसे बचने के जरूरत है ताकि आपकी सेहत पर कोई गलत असर ना पड़े |
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पीरियड्स के दौरान होने वाली सामान्य समस्याएं और उनका समाधान: Problem Faced During Periods & Their Solution
1.समय समय पर पैड बदले
पीरियड्स में हमेशा सही पैड का चयन करे जिससे आपको कोई एलर्जी न हो। पीरियड्स के दौरान समय समय पर पैड बदलना महत्वपूर्ण है ताकि आपका शारीरिक स्वास्थ्य सुरक्षित रहे और इंफेक्शन का खतरा कम रहे। हैं जो समय पर पैड या टैम्पन को लंबा समय तक रखना इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा सकता है। समय पर पैड बदलना इंफेक्शन से बचने में मदद कर सकता है, खासकर यदि आपके पास ज्यादा समय तक बाद ले जाने वाला पैड या टैम्पन है। इसलिए हर 4 -5 घंटे में Pad बदलना चाहिए।
2.आराम करे
अगर आपको पीरियड्स में बहुत दर्द हो रहा है तो आपको आराम करना अति आवश्यक है। periods में काम काम और आराम ज्यादा करना चाहिए। तभी आपका स्वस्थ्य ठीक रहेगा।
3.हेवी एक्सरसाइज से रहे दूर
हेवी एक्सरसाइज़ के दौरान अधिक शारीरिक क्षमता की आवश्यकता हो सकती है, जिससे रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। पीरियड्स के समय, कुछ महिलाएं पेट में दर्द, थकान, और अन्य शारीरिक तकलीफें महसूस कर सकती हैं। हैवी एक्सरसाइज़ करने से ये तकलीफें और बढ़ सकती हैं। पीरियड्स के समय हॉर्मोनल बदलाव होता है और यह शारीरिक स्थितियों में परिणाम डाल सकता है, जो हैवी एक्सरसाइज़ को कठिन बना सकता है। इसलिए पीरियड्स में हेवी एक्सरसाइज न करे न करे
4.अनप्रोटेक्टेड सेक्स न करे
पीरियड्स में अनप्रोटेक्टेड सेक्स न करे क्यों की अनप्रोटेक्टेड सेक्स के दौरान रक्तस्राव का अधिक हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और अधिक तकलीफ हो सकती है। पीरियड्स के समय योनि की स्वच्छता कम हो सकती है, और इसके कारण सेक्स के दौरान इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इस समय में रक्त और अन्य तत्वों के कारण इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।
5.पानी भरपूर पिए
पानी की कमी भी मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती है, इसलिए प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है .पीरियड्स के दौरान, शारीर से अधिक पानी निकल सकता है और इससे डाइड्रेशन का खतरा हो सकता है। पानी पीना शारीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और ताजगी बनाए रखने में सहायक होता है। इसलिए पीरियड्स में भरपूर मात्रा में पानी पिए।
6.हेल्दी डाइट ले
पीरियड्स में होनेवाला दर्द और थकान से आपकी काफी सारी ऊर्जा खर्च होती है, इसलिए Periods में दिन में तीन बार Healthy Diet जरूर ले। जिससे आप Periods में भी एनर्जेटिक फील कर सके। पीरियड्स में हमेशा घर का बना हुआ खाना खाये। फल और सब्जियां फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स से भरपूर होती हैं और पाचन को सुधार सकती हैं। खासकर, लौकी, केला, अनार, और खुबानी जैसे फलों का सेवन करें। ब्राउन राइस, ओट्समील, रोटी, और धान्यों में होने वाले पौष्टिक तत्वों से भरपूर अनाज खाएं। राइस, ओट्समील, रोटी, और धान्यों में होने वाले पौष्टिक तत्वों से भरपूर अनाज खाएं। पीरियड्स में जंक फ़ूड का सेवन न करे।
7.आधी रात को खाना न खाये
पीरियड्स के दौरान हमारे शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होता है, जिससे भोजन की प्रक्रिया पर असर हो सकता है , इन दिनों अच्छे डाइजेस्टिव सिस्टम की भी आवश्यकता होती है, और रात को भारी भोजन के बाद इसमें कठिनाई हो सकती है। इसलिए पीरियड्स में आधी रात को खाना न खाये।
8.नींद पूरी ले
पीरियड्स के समय महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव होता है, जिससे मूड स्विंग्स, थकान और चिढ़ाव होता है। नींद की कमी से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड्स के दौरान शारीरिक और मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। अच्छी नींद से हमारे शरीर में हार्मोन्स का सही स्तर बना रहता है। इसलिए हर महिला को पीरियड्स में 7 -8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
9.दूध के प्रोडक्ट्स से रहे दूर
जिन महिलाओं को दोष या दूध से बने प्रोडक्ट सूट नहीं करते वो महिलाये पीरियड्स में दोष से बानी चीज़े न खाये , कुछ महिलाओं में लैक्टोज इंटॉलरेंस हो सकता है, जिससे दूध और दूध से बने उत्पादों को पचाने में कठिनाई हो सकती है। इससे पेट में गैस, ब्लोटिंग, और पेट दर्द हो सकता है, जो किसी के लिए पीरियड्स के समय और भी अधिक तकलीफ देह हो सकता है।
10.नेगेटिव चीज़ों से रहे दूर
पीरियड्स में कुछ नेगेटिव चीज़े न देखे और न सुने, इससे आपके मेन्टल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है ,अपने आपको हमेशा पॉजिटिव रखे ,खुश रखे और वही चीज़े करे जो आपको अंदर से खुश करे और पॉजिटिव रखे।
11.चाय, कॉफ़ी और कोल्ड ड्रिंक्ड से रहे दूर
चाय, कॉफी, और कोल्ड ड्रिंक्स में कैफीन होता है, जो कुछ महिलाओं को प्राकृतिक रूप से होने वाले पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकता है। कैफीन एक स्टिमुलेंट होता है जो मांसपेशियों को अधिक तनाव में रख सकता है और दर्द को बढ़ा सकता है। कॉफी, चाय और कोल्ड ड्रिंक्स में तेजी से काम करने वाले तत्व होते हैं, जो शरीर से पानी को बाहर निकाल सकते हैं और डाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। पीरियड्स के समय, ह्यूमिडिटी बनाए रखना महत्वपूर्ण है, और यदि शरीर से अधिक पानी निकलता है, तो यह समस्याएं बढ़ा सकता है। कॉफी, चाय, और कोल्ड ड्रिंक्स में असरकारी तत्वों की कमी हो सकती है, जैसे कि मिनरल्स और विटामिन्स, जो पीरियड्स के समय ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसलिए पीरियड्स में चाय, कॉफ़ी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन न करे।
12.अधिक दवाओं का सेवन न करे
पीरियड्स में अधिक मात्रा में दवाओं का सेवन, खासकर पैनकिलर्स, पीरियड्स को अधिक कठिन बना सकता है। इसलिए पीरियड्स में दवाइयों का सेवन न करे। अगर आपको अत्यधिक दर्द हो रहा है, तो इस पर चिकित्सक से मिलें और उनसे सही दवा या उपचार की सलाह लें।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर ले और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय ले।