Depression And Mental Health | अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य

Depression एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो आजकल 100 में से हर 80 लोंगो को हो रही है ये व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक (Psychological) और भावनात्मक (Emotional) स्थिति को प्रभावित करती है।

Depression (अवसाद ) क्या होता है ?

इसमें इंसान गंभीर उदासी में चला जाता है, उसे किसी भी चीज़ में कोई रूचि नहीं होती ये एक ऐसा मनोवैज्ञानिक रोग है जिसमें व्यक्ति निराशा, अवसाद, आत्महत्या जैसे विचारों का अनुभव और दैनिक गतिविधियों में कमी की अनुभूति करता है। डिप्रेशन व्यक्ति की सामान्य दिनचर्या, कामकाज और सामाजिक जीवन को प्रभावित करके उसकी गुणवत्ता को कम कर सकता है। आमतौर पर व्यक्ति इसमें ऐसा सोचने लगता है की जैसे उसका सबकुछ ख़तम हो गया है, ऐसे में वो एक बेजान जीवन जीने लगता है।

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Depression (अवसाद ) के प्रकार

डिप्रेशन के प्रकार उसक गंभीरता के अनुसार अलग अलग प्रकारों में विभाजित किये गए है।

1. बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder ): ये मनोरोगी रोग होता है जिसमें व्यक्ति में मनोरोग के दौरान उदासी और उत्साह के दौर आते हैं। यह रोग व्यक्ति की मनोरोगी को मनोरोग के दौर के समय की ओर ले जाता है।

2. मेज़ोथेलियन (मेजर डिप्रेशन) (Major Depressive Disorder): यह सबसे आम और गंभीर डिप्रेशन का प्रकार होता है, जिसमें व्यक्ति को उदासी,अनियमित खाने की आवश्यकता, निराशा, नींद की समस्याएं, निर्णय लेने में कठिनाई होने लगती है, और आत्महत्या जैसे विचार मन में आने लगते है।

3. अनुभवशोधी डिप्रेशन (Postpartum Depression ):  ये मातृत्व के बाद महिलाओं में होने वाला डिप्रेशन होता है। इसे प्रसवोत्तर अवसाद भी कहा जाता है ,ये अवसाद एक डेढ़ महीने से भी अधिक समय तक रहता है इसमें मातृत्वी डिप्रेशन, उदासी, खुद के लिए नकारात्मक भावनाएं, और तनाव के लक्षण शामिल होते हैं।

4. सीजनल अवसाद (Seasonal Affective Disorder): यह डिप्रेशन का विशेष प्रकार होता है जो विश्रामकाल में व्यक्ति में होता है,अधिकतर मामलों में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर सर्दियों में ही होता है, जब दिन की रोशनी कम होती है। जो आमतौर पर हर साल किसी एक ही मौसम में होता है। इसमें व्यक्ति को उदासी, थकान, भोजन की इच्छा में वृद्धि, और नींद की समस्याएं होती हैं।

5. धीमी अवसाद (Dysthymia): ये काफी लंबे समय तक चलने वाला डिप्रेशन होता है, जिसमें व्यक्ति को आत्मविश्वास की कमी, कोई गहरा सदमा, सामान्य रुचि की कमी, और निराशावादी भावना का अनुभव होता है।

Depression (अवसाद ) के लक्षण :

Depression (अवसाद ) ये न सिर्फ हमारे मन को प्रभावित करते है बल्कि वो हमारे शरीर को भी काफी प्रभावित करते है।

1. आत्महत्या विचार:  आत्महत्या विचार आना ऐसे में व्यक्ति को तुरंत चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होती है।

2. शारीरिक लक्षण:  पेट दर्द, सिरदर्द, पेट दर्द, थकान, अस्वस्थता, सामान्य अवस्था की कमजोरी, और सेक्स से इंकार करने की इच्छा का अनुभव हो सकता है।

3. एकाग्रता में कमी:  स्मरणशक्ति में कमी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, निर्णय लेने में कठिनाई, और कार्य करने में कमजोरी का अनुभव हो सकता है।

4. आहार और वजन में परिवर्तन:  वजन में वृद्धि या कमी का अनुभव हो सकता है, खाने की इच्छा की बढ़ती हुई या कम होने की समस्या।

5. नींद की समस्याएं:  अनिद्रा के दौरान अचानक से उठना, अनिद्रा, अधिक नींद, या पूरी तरह से थकावट के साथ नींद का अनुभव होता है।

6. उदासी या तनाव की अवस्था: बेकारी की भावना, उदासी, निराशा, अवसादी भावना और अपेक्षा के निमित्त में तनाव का अनुभव होता है।

 

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Depression (अवसाद) के कारण :

डिप्रेशन कई सारे कारणों से हो सकता है, जिसमे हमारे शरीर की अंदर की और बाहर की स्तिथिया शामिल हो सकती है वही डिप्रेशन का कारन अनुवांशिक भी हो सकता है। जैसे परिवार में पहले से हे किसी को डिप्रेशन होना, उदाहरण के लिए हमारा अपना कोई हमे छोड़कर हमेशा के लिए चले जाना ये एक बाहरी स्तिथि हो सकती है ठीक वैसे हे हमे कोई शारीरिक गंभीर बीमारी होना ये एक अंदुरुनी स्तिथि भी डिप्रेशन का कारन बन सकती है।

1. रोग या कोई शारीरिक समस्याएं: कुछ शारीरिक समस्याएं और रोग जैसे डायबिटीज, हृदयरोग, अस्थमा, कैंसर, थायराइड असंतुलन, और अनियमित हार्मोनल संतुलन डिप्रेशन के लक्षणों का कारण बन सकती हैं।

2. आनुवंशिक कारण: पारिवारिक इतिहास, आनुवंशिक घटकों और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के आनुवंशिक कारकों के कारण डिप्रेशन का विकास हो सकता है।

3. बायोलॉजिकल कारण: व्यक्ति के मस्तिष्क में रसायनिक संतुलन, उपचार कर्मचारियों का असंतुलन और रसायनिक माध्यमों में असंतुलन के कारण डिप्रेशन हो सकता है।

4. जीवन की परिस्थितियां: विपत्ति, तनावपूर्ण कार्यक्रम, संघर्षपूर्ण परिवारिक संबंध, व्यक्तिगत या व्यापारिक समस्याएं और सामान्य जीवन की कठिनाइयाँ डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।

Depression (अवसाद ) की रोकथाम

कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर डिप्रेशन को रोका जा सकता है।

  • नियमित दिनचर्या बनाने का प्रयास करे जैसे व्यायाम करे, नींद पूरी ले, समय पर भोजन करे।
  • अपने दोस्तों के साथ कुछ समय व्यतीत करे।
  • अकेले न रहे।
  • रोजाना योग करे, योग करनेसे हमे मानसिक शांति का अनुभव होने लगता है।
  • हमेशा अपने प्रति सकारात्मक भाव रखे और अपने आप को स्वीकार करके अपने आप को विकसित करते रहे।
  • अपना समय अत्यधिक सोशल मीडिया में बर्बाद ना करे यदि सोशल मीडिया या अन्य सोशल मनोरंजन स्रोत आपको तनावपूर्ण, नकारात्मक भावनाओं में ले जा रहे हैं तो इसका उपयोग सीमित करें।

Depression (अवसाद) का निदान

मनोचिकित्सक आपके लक्षणों की जांच करता है, डिप्रेशन के लक्षण कितने दिनों से है, कितनी देर तक रहते है, चिकित्सा इतिहास, परिवार का इतिहास, और हाल की जीवन की घटनाओं के बारे में प्रश्न पूछता है, जो आपके भावनात्मक स्थिति में सहायक हो सकती हैं।

Depression (अवसाद) का इलाज

अगर आपको डिप्रेशन से संबंधित समस्या है, तो एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की सलाह और मार्गदर्शन लेना सबसे उचित होगा। वे आपको सही उपाय और उपचार प्रदान कर सकते हैं। Depression के इलाज में परिवार का साथ सबसे महत्वपूर्ण बात होती है।

 

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Disclaimer: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है. अगर आप Depression सम्बंधित किसी भी बीमारी से ग्रसित है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर ले और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय ले.

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