आज हम इस ब्लॉग में जानेंगे ” पेट की चर्बी ( Belly Fat )घटाने के लिए 5 योगासन.” हर महिला सबका ख्याल रखने में हमेशा से ही सक्षम रहती आयी है, अपने परिवार का ध्यान रखने में वो कभी कोई कसर नहीं छोड़ती, लेकिन सबका ध्यान रखते रखते खुद का ख्याल रखना तो मानो जैसे वो भूल ही जाती है। रोजाना एक्सरसाइज, योग करने से वो बचती है फलस्वरूप महिलाओं में मोटापा बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा बढ़ती उम्र के कारन शरीर में हार्मोनल बदलाव होने लगते है इस वजह से भी मोटापा बढ़ता है, आमतौर पर महिलाओं के पेट के आसपास चर्बी बढ़ने लगती है। यदि समय पर अपने आप पर ठीक से ध्यान नहीं दिया तो ये मोटापा किसी दिन कोई गंभीर बीमारी भी बन सकती है। इसलिए इस ब्लॉग में हम जानेंगे कुछ ऐसे 5 योगासनों के बारे मे जो मोटापा और पेट की चर्बी को कम करने में मदत करते है।
पेट की चर्बी घटाने के लिए रोजाना करे ये 5 योगासन. | 5 Yoga Poses To Reduce Belly Fat
1.पवनमुक्तासन | Pawanmuktasana
पवनमुक्तासन करने की विधि | Method Of Pawanmuktasana
- पवनमुक्तासन शुरू करने से पहले आप साफ कपड़े पहनकर तैयार हो जाइए। जिससे आपको योग करते वक़्त आरामदायक महसूस होगा।
- पवनमुक्तासन करने से पहले आप शवासन में आराम से लेट जाए। अपने शरीर को रिलैक्स होने दें।
- अब धीरे से अपने दोनों घुटने उठा के अपने सीने से लगाए।
- अब अपनी एड़ी नितम्बो पर रखे और अपने घुटनों को अपने हाथो से पकड़ ले।
- आसन करते वक़्त सामान्य सांस लेते रहे।
- अपनी आँखे बंद कर दे या अपने घुटनो से परे टकटकी लगाते रहे और अपनी पीठ की मांसपेशियों को आराम से ढीला छोड़े।
- जब तक आपको अच्छा लगता है तब तक इस मुद्रा को पकड़ते रहे।
- सामान्य स्तिथि में आने के लिए –
- आसन छोड़ते वक़्त सांस अंदर ले और अपने दोनों पैरों को सीधा कर ले। ये आसन दोबारा करने से पहले कुछ देर तक आराम करे।
पवनमुक्तासन करने के फायदे | Pawanmuktasana benefits in Hindi
- इससे आपको कब्ज और अपच से छुटकारा मिलेगा।
- ये आसन आपके पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों ढीला करके आपके शरीर को आराम देता है।
- पवनमुक्तासन शरीर में वायु को नियंत्रित करता है।
- ये आसन पेट की चर्बी ( Belly Fat ) को और मोटापे को कम करता है।
- एसिडिटी और गैस से पीड़ित लोंगो के लिए ये आसन काफी लाभदायक है।
- इस आसन से फेफड़े के रोग और दिल के रोग दूर रहते है।
- इस आसन से बांझपन और मासिक धर्म जैसी समस्या दूर होती है।
सावधानियाँ | Precautions
- अगर आप गर्भवती है तो ये आसन आप न करे।
- अगर कोई व्यक्ति स्लिपडिस्क से पीड़ित है तो ये आसन न करे।
पवनमुक्तासन कितनी देर तक करना चाहिए ? | How Long To Do Pawanmuktasana
इस आसन को आप प्रारंभिक अवस्था में कम से कम 5-10 बार करें। इसके बाद धीरे-धीरे आप इस आसन को अधिक संख्या में भी कर सकते हैं, लेकिन शुरू में यह आसन आपके शरीर के सामर्थ्य के अनुसार करें।
2.उत्तानपादासन ( Uttanpadasana ) | Raised Leg Pose
उत्तानपादासन की विधि | Method Of Raised Leg Pose
- उत्तानपादासन शुरू करने से पहले एक स्वच्छ और शांत जगह चुनें। ये आसन करने के लिए आप अपनी पीठ पर लेटे।
- अपने दोनों पैरों को एकसाथ करे। उसके बाद अपनी हथेलियों को अपने शरीर से 4 से 6 इंच तक दूर रखे।
- अपने पैरों को फर्श से 45 या 50 डिग्री पर उठाएं। उसके बाद अपने हाथो को ऊपर उठाये और उन्हें अपने पैरों के समानांतर लाये।
- उस वक़्त अपने दोनों पैर और हाथ सीधे होने चाहिए।
- अब अपनी पसलियों ( Ribs ) का विस्तार करे और सामान्य रूप से सांस लेते रहे।
- सामान्य सिथि में आने के लिए :
- अब अपनी सांस छोड़ते हुए फर्श पर अपने पैर और हाथों को आराम से रखे।
उत्तानपादासन के लाभ | Benefits Of Raised Leg Pose
- उत्तानपादासन करनेसे हमारे पेट की अतिरिक्त चर्बी( Belly Fat )घटने में मदत होती है।
- ये आसन करने से पाचन तंत्र में सुधार आता है और कब्ज़ की समस्या से निजात मिलती है।
- यह आसन से आपके पैरों के नीचे की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
- ये आसन मधुमेह से पीड़ित लोंगो के लिए भी काफी फायदेमंद है।
सावधानियाँ | Precautions
- जो पहली बार आसन कर रहे है वो लोग अपने पैरों को उठाने के लिए पहले अपने हाथो की मदत ले।
- ध्यान रहे की पैर ऊपर उठाते वक़्त घुटनो में मोड़ न आये।
- याद रहे की जो लोग मासपेशी खींच से पीड़ित है वो ये आसन न करे।
उत्तानपादासन कितनी देर तक करना चाहिए ? | How Long To Do Raised Leg Pose
उत्तानपादासन की शुरुवात में 10 से 20 सेकंड के लिए करते रहे। फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाते जाएं। आप आपकी शरीर की स्थिति के अनुसार, शुरूवात में 30 सेकंड तक बिना किसी तनाव के उपयोग किए बार-बार बढ़ा सकते हैं। धीरे-धीरे अपनी स्थिति को बढ़ाते समय, आप 1 से 2 मिनट तक योगासन में बने रह सकते हैं। अपनी आवश्यकता के अनुसार, आप अपने प्रैक्टिस को और भी ज्यादा बढ़ा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहें कि आपके शरीर में किसी तरह का कोई दर्द, तनाव नहीं हो रहा है।
3.नौकासन ( Naukasana) | Boat Pose
नौकासन करने की विधि ( Naukasana ki Vidhi ) | Method Of Bose Pose
- सबसे पहले अपने पीठ पर लेट जाएं। उसके बाद पैर सीधे रखें और हाथ साइड पर बिखराएं।
- अब साँस लेते हुए आपके सिर से हाथों की ओर बढ़ें और अब अपने सिर को और पैरों को समान साथ में ऊपर उठाएं।
- अब आपका शरीर एक नौका की तरह विकसित होगा, जिसमें सिर, पीठ, पैर और पैरों की उंगलियाँ सब समान रेखाओं पर होंगी।
- ध्यान दें कि आपका पेट और पीठ एक सीधी रेखा पर रहे और अपने हाथ सीधे और समान रेखाओं पर बिखराएं।
- अगर संभव हो तो आप अपने पैरों की ऊंगलियों को आपकी आँखों की दिशा में उठाने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में बने रहें और सांस को सामान्य रूप से लेते रहें और अपने शरीर को संरक्षित और स्थिर महसूस करें।
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों को जमींन पर नीचे लाएं। ध्यान दें कि ये क्रिया आपको काफी धीरे-धीरे करनी है ताकि आपको कोई चोट न लगे।
- अब नौकासन करने के बाद, कुछ सेकंड के लिए आराम करे। अगर आप चाहें तो ध्यान कर सकते हैं और अपने शरीर की स्थिति को महसूस कर सकते हैं।
नौकासन के लाभ ( Naukasana Ke Laabh) | Benefits Of Boat Pose
- नौकासन एक उत्तम आसन है जो पेट की चर्बी ( Belly Fat )कम करता है ।
- यह आसन नियमित रूप से करने से पेट की चर्बी में कमी होने लगती है।
- ये आसन कमर की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे हमारी कमर की संरचना सुधरता है, और उसे आकर्षक बनाता है।
- नौकासन सीधी पीठ की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है और यह पीठ के दर्द से राहत पाने में सहायक होता है ।
- यह आसन पाचन प्रणाली को सुधारकर कब्ज़ से राहत दिलाता है।
- नौकासन करने से आपके पूरे शरीर की मांसपेशियाँ काम करती हैं, जिससे हमारे शरीर को सही दिशा में ले जाने में मदद मिलती है।
- इस आसन से हृदय की पंपिंग शक्ति बढ़ती है और हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने में भी मदद करता है।
सावधानियाँ | Precautions
- अगर आपकी स्वास्थ्य स्थिति अच्छी न हो, तो ये आसन न करे उसके पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- नौकासन को सही ढंग से करने के लिए पहले धीरे-धीरे शुरू करें और उसमे स्थिरता बनाए रखें।
- यदि आप बिगिनर है तो आसन को केवल अपनी सामर्थ्य के अनुसार करें और समय-समय पर बढ़ाते जाएं।
- नौकासन को करने के बाद थोड़ी देर विश्राम लें और संतुष्ट रहें।
- ध्यान रहे: योग के प्रैक्टिस में सबसे पहले धीरज और नियमितता बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। किसी भी नए योगासन की शुरुआत किसी शिक्षक के मार्गदर्शन में करें और समय-समय पर अधिकतम लाभ पाने के लिए आसनों का नियमित अभ्यास करें।
4.सेतुबंधासन ( Setubandhasana ) | Bridge Pose
सेतुबंधासन करने की विधि ( Setubandhasana ki Vidhi Hindi Me)| Method Of Bridge Pose
- सबसे पहले आप पीठपर लेट जाए।
- अब आप अपने घुटनों को मोड़े ताकि आपकी रीढ़ की हड्डी 90 डिग्री पर हो।
- सांस लेते हुए अपने कमर को अपने सामर्थ्य के हिसाब से उठाये।
- 20 से 30 सेकंड इस आसन में बने रहे।
- ये आसन करते वक़्त धीरे धीरे से सांस ले और धीरे धीरे से सांस छोड़े।
- उसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे से जमींन पर आ जाये।
- इस आसन को आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार 3 से 4 बार कर सकते है।
सेतुबंधासन के लाभ ( Setubandhasana Ke Laabh)| Benefits Of Bridge Pose
- सेतुबंधासन करने से आपकी पीठ की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
- इस आसन से अस्थमा भी ठीक हो जाता है।
- यह आसन आपके न्यूरॉन्स को प्रोत्साहित करके आपको मानसिक शांति प्रदान करता है और आपके तनाव को कम करता है।
- यह आसन आपके किडनी को भी स्वस्थ रखता है।
- सेतुबंधासन को नियमित रूप से करने से आपकी पेट की चर्बी कम होने लगती है।
- यह आसन आपकी पाचन प्रणाली को सुधारकर अच्छे पाचन को प्रोत्साहित करता है और कब्ज़ से राहत दिलाता है।
- सेतुबंधासन थायरॉइड के लिए भी काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि ये थायरॉइड के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।
सावधानियाँ | Precautions
- अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हो तो ये आसन न करे।
- गर्दन में ज्यादा दर्द हो तो ये आसन न करे।
- अगर घुटनो में दर्द हो तो ये आसन करने से बचे।
- अगर आपके तकलीफ हो तो भी आप ये आसन न करे।
- अगर आप किसी प्रकार की शारीरिक समस्या से ग्रसित है या आपकी स्वास्थ्य स्थिति अच्छी नहीं है, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- सेतुबंधासन को सही तरीके से करने के लिए उसे धीरे-धीरे शुरू करे।
5.भुजंगासन ( Bhunjangasana ) | Cobra Pose
भुजंगासन करने की विधि (Bhunjangasana karne ki vidhi ) | Method Of Cobra Pose
- सबसे पहले योगासन की शुरुआत में अपने पेट के बल लेट जाएं, उसके बाद अपने पैर सीधे रखें और हाथ साइड पर बिखराएं।
- अब सांस लेते हुए अपने हाथों को सीधे करें, फिर अपने पैरों को धरती से थोड़ा ऊपर उठाएं।
- अब धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए अपने ऊपर वाले हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं, जैसे कि एक सांप अपना सिर ऊपर उठाता है।
- अब आप ऊपर उठते समय, अपने हाथों को धीरे-धीरे तनाव से बेलें और अपने पीठ की मांसपेशियों को सहयोग दें।
- ऊपर उठते समय गहरी सांस लें और इसी स्थिति में कुछ सेकंड तक बने रहें।
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने ऊपर वाले हिस्से को धरती की ओर नीचे लाएं।
- भुजंगासन को करने के बाद कुछ सेकंडों के लिए आराम करें और अब अपने शरीर को सामान्य स्थिति में लाने की कोशिश करें।
भुजंगासन करने के फायदे ( Bhujangasana Karne Ke Fayde ) | Benefits Of Cobra Pose
- इस आसन से आपके पेट की चर्बी कम होने लगती है।
- भुजंगासन करने से आपकी पीठ की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और पीठ के दर्द से राहत मिलती है।
- ये आसन रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में रक्त की आपूर्ति को बढाकर शरीर में लचीलापन लाता है।
- ये आसन हमारे चेहरे, गर्दन और कंधो और छाती के साथ शरीर के ऊपरी क्षेत्रों में काफी लाभदायक होता है और हमे युवा रूप देता है।
- इस आसन से कब्ज, अपच जैसी समस्या दूर होती है और भूक बढ़ने लगती है।
- भुजंगासन वयस्कों के लिए बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में काफी सहायक होता है।
- ये आसन हमारे स्पाइन को लचीलापन प्रदान करता है।
सावधानियाँ | Precautions
- हर्निया, पेप्टिक अलसर से पीड़ित लोग ये आसन न करे।
- गर्भावस्था के दौरान ये आसन न करे।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर ले और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय ले।
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